crossorigin="anonymous"> Masik Shivratri 2024 Date, Time, puja Shubh Muhurat in India - Festival today

Masik Shivratri 2024 Date, Time, puja Shubh Muhurat in India

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मासिक शिवरात्रि, भगवान शिव को समर्पित एक महत्वपूर्ण व्रत है, जो प्रत्येक सावन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। यह आध्यात्मिक विकास और आत्मिक शुद्धि का अवसर प्रदान करता है। इस वर्ष, मासिक शिवरात्रि 4 जुलाई, 2024 को मनाई जाएगी।

Masik Shivratri 2024 Date

शिवरात्रि पूजा का शुभ मुहूर्त कब है?

पंचांग के अनुसार, आषाढ़ कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। यह गुरुवार, 4 जुलाई, 2024 को पड़ रही है। इस दिन व्रत रखने और शिव-पार्वती की पूजा करने का महत्व है मासिक शिवरात्रि: 4 जुलाई, 2024 को भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का अवसर

शुभ मुहूर्त

  • चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: 4 जुलाई, 2024 को सुबह 5:44 बजे
  • चतुर्दशी तिथि समाप्त: 5 जुलाई, 2024 को सुबह 5:57 बजे
  • निर्जला व्रत: 4 जुलाई, 2024 को सूर्योदय से सूर्यास्त तक
  • प्रहर पूजा:
    • प्रथम प्रहर: शाम 6:00 बजे से रात 9:00 बजे तक
    • द्वितीय प्रहर: रात 9:00 बजे से मध्यरात्रि 12:00 बजे तक
    • तृतीय प्रहर: मध्यरात्रि 12:00 बजे से सुबह 3:00 बजे तक
    • चतुर्थ प्रहर: सुबह 3:00 बजे से सूर्योदय 6:00 बजे तक

मासिक शिवरात्रि का महत्व:

  • मोक्ष प्राप्ति का मार्ग: मासिक शिवरात्रि व्रत को मोक्ष प्राप्ति का द्वार माना जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिल सकती है।
  • पापों का नाश: यह व्रत पापों के नाश और आत्मा की शुद्धि का भी साधन है। इस दिन भगवान शिव की कृपा से व्यक्ति के पाप धुल जाते हैं और उसे मानसिक शांति प्राप्त होती है।
  • मनोकामना पूर्ति: मासिक शिवरात्रि व्रत मनोकामना पूर्ति का भी विशेष अवसर है। इस दिन सच्चे मन से भगवान शिव की पूजा करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
  • सुख-समृद्धि का वरदान: मासिक शिवरात्रि व्रत सुख-समृद्धि और वैभव प्राप्ति का भी साधन है। इस दिन भगवान शिव की कृपा से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।

मासिक शिवरात्रि की पूजा विधि:

  1. प्रातःकाल उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. पूजा स्थल को स्वच्छ और पवित्र करें।
  3. भगवान शिव की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
  4. भगवान शिव को जल, दूध, घी, शहद, और बेलपत्र अर्पित करें।
  5. दीपक और धूप जलाएं।
  6. शिव मन्त्र या अपनी पसंदीदा स्तुति का जाप करें।
  7. आरती करें।
  8. भगवान शिव को भोग अर्पित करें।
  9. पूर्ण दिन या कम से कम प्रहर पूजा के दौरान निर्जला व्रत रखें।
  10. दिन का समय ध्यान और प्रार्थना में व्यतीत करें।
  11. सूर्यास्त के बाद व्रत का पारण करें।

मासिक शिवरात्रि के कुछ महत्वपूर्ण नियम:

  • व्रत के दिन मांसाहार, मदिरा और अन्य नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • व्रत के दौरान दिन में सोना नहीं चाहिए।
  • ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
  • मन में किसी के प्रति कोई द्वेष या नकारात्मक भाव नहीं रखना चाहिए।
  • पूरे दिन भगवान शिव का ध्यान करते रहना चाहिए।

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